मृणाल ठाकुर का पुराना वीडियो बना विवाद का कारण, बिपाशा बसु को ‘मर्दाना’ कहने पर मांगी माफी !

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हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पुराना इंटरव्यू वायरल हुआ, जिसमें बॉलीवुड एक्ट्रेस मृणाल ठाकुर ने बिपाशा बसु के लुक्स और बॉडी को लेकर टिप्पणी की थी।

यह वीडियो उनके टीवी शो कुमकुम भाग्य के दिनों का है, जहां वह अपने को-स्टार अर्जित तनेजा के साथ बातचीत कर रही थीं। उस वक्त दोनों एक-दूसरे को मजाकिया टोन में चुनौतियां दे रहे थे।

इसी दौरान मृणाल ने कहा कि अर्जित को शायद “मर्दाना और गठीली लड़की” पसंद होगी, और आगे जोड़ा – “जाओ बिपाशा से शादी करो… सुनो, मैं बिपाशा से कहीं बेहतर हूं, ठीक है?”।

यह मजाक उस समय हल्के-फुल्के अंदाज में किया गया था, लेकिन अब कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने इसे बॉडी शेमिंग करार देते हुए उनकी आलोचना शुरू कर दी।

ट्रोलिंग के बाद मृणाल ठाकुर का स्पष्टीकरण :

विवाद बढ़ने के बाद मृणाल ठाकुर ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर माफी मांगते हुए कहा,

“19 साल की उम्र में मैंने किशोरावस्था में कई मूर्खतापूर्ण बातें कहीं। उस समय मुझे अपनी आवाज़ का वजन और शब्दों का असर समझ में नहीं आता था।

मेरा मकसद कभी भी किसी की बॉडी शेमिंग करना नहीं था। यह एक मजाक था जो हद से ज्यादा हो गया। काश, मैं उस वक्त अपने शब्द सोच-समझकर चुनती।”

मृणाल ने यह भी स्वीकार किया कि मजाक में कही गई बातें भी लोगों को चोट पहुँचा सकती हैं और उन्हें इसका अब एहसास है।

बिपाशा बसु की पॉजिटिव प्रतिक्रिया :

इस पूरे मामले पर बिपाशा बसु ने बिना मृणाल का नाम लिए इंस्टाग्राम स्टोरी में एक प्रेरणादायक मैसेज पोस्ट किया। उन्होंने लिखा,

“मजबूत महिलाएं एक-दूसरे को ऊपर उठाती हैं। खूबसूरत महिलाएं अपनी मसल्स बढ़ाएं।

मसल्स आपको लंबे समय तक अच्छा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य देती हैं। पुरानी सोच को तोड़ें कि महिलाओं को मजबूत दिखना जरूरी नहीं है।”

बिपाशा का यह मैसेज फिटनेस और महिला सशक्तिकरण पर फोकस करता है, जिससे उनके फैन्स ने भी खूब सहमति जताई।

पुरानी बातें भी बन सकती हैं मुद्दा :

यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि सोशल मीडिया के दौर में पुराने इंटरव्यू और बयान भी सालों बाद विवाद खड़ा कर सकते हैं।

पब्लिक फिगर्स के लिए यह ज़रूरी है कि वे हर स्थिति में सोच-समझकर बोलें, क्योंकि मजाकिया बातें भी गलत संदर्भ में जाकर नेगेटिव इम्पैक्ट डाल सकती हैं।

निष्कर्ष :
मृणाल ठाकुर का यह विवाद एक सीख है कि पब्लिक प्लेटफॉर्म पर कही गई बातें सालों बाद भी वापस आ सकती हैं।

वहीं, बिपाशा बसु ने इस मुद्दे को पॉजिटिव तरीके से हैंडल कर यह साबित कर दिया कि मजबूत महिलाएं एक-दूसरे को नीचे नहीं, बल्कि ऊपर उठाती हैं।

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