भारत और चीन के बीच कई सालों से सीधी हवाई सेवाएं बंद हैं, लेकिन अब एक बार फिर उनके शुरू होने की उम्मीद नजर आ रही है।
हाल ही में चीनी विदेश मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स को बहाल करने पर बातचीत चल रही है।
यह कदम न केवल यात्रियों के लिए राहत लाएगा, बल्कि दोनों देशों के व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों में भी नई ऊर्जा भर सकता है।
कोविड-19 महामारी के दौरान, भारत और चीन के बीच सभी सीधी उड़ानें स्थगित कर दी गई थीं।
इसके बाद से यात्रियों को किसी तीसरे देश के जरिए ट्रांजिट फ्लाइट लेकर सफर करना पड़ रहा था, जिससे न केवल यात्रा समय बढ़ जाता था, बल्कि खर्च भी ज्यादा होता था।अगर डायरेक्ट फ्लाइट्स शुरू हो जाती हैं, तो यात्रा समय में कई घंटे की बचत होगी और टिकट भी अपेक्षाकृत सस्ती हो सकती हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत और चीन के बीच आपसी सहयोग और लोगों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए हवाई सेवाओं को बहाल करने पर चर्चा चल रही है।
हालांकि, उन्होंने किसी निश्चित तारीख की घोषणा नहीं की, लेकिन यह जरूर बताया कि यह विषय प्राथमिकता में शामिल है। इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में इस दिशा में ठोस कदम देखने को मिल सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि डायरेक्ट फ्लाइट्स की बहाली से पर्यटन, शिक्षा और व्यापारिक क्षेत्रों में तेजी आएगी। कई भारतीय छात्र चीन में पढ़ाई करने जाते हैं और डायरेक्ट फ्लाइट्स शुरू होने से उनका सफर आसान हो जाएगा।
इसके अलावा, व्यापारियों और निवेशकों के लिए भी यह सुविधा महत्वपूर्ण साबित होगी, क्योंकि समय की बचत के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।
यात्रा उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर भारत-चीन डायरेक्ट फ्लाइट्स फिर से शुरू होती हैं, तो एयरलाइन कंपनियों के लिए भी बड़ा बाजार खुलेगा।
चीन की कई एयरलाइंस पहले भारत के विभिन्न शहरों के लिए उड़ानें संचालित करती थीं, वहीं भारतीय एयरलाइंस भी बीजिंग, शंघाई और ग्वांगझू जैसे शहरों तक सेवाएं देती थीं।
कुल मिलाकर, यह कदम न केवल यात्रियों को राहत देगा, बल्कि दोनों देशों के रिश्तों में भी सुधार लाने का एक सकारात्मक संकेत हो सकता है। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स कब से उड़ान भरना शुरू करेंगी।