अर्चना तिवारी की रहस्यमयी गुमशुदगी: तीन लड़के, विदेशी दोस्त और 12 दिन का प्लान !

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मध्य प्रदेश की 29 वर्षीय युवा वकील अर्चना तिवारी 12 दिन तक रहस्यमय तरीके से गायब रहीं। यह मामला न सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरी पुलिस के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गया।

जज बनने का सपना देखने वाली अर्चना ने अपनी शादी से बचने के लिए ऐसा प्लान बनाया, जिसने हर किसी को चौंका दिया।

लेकिन जितनी बारीकी से उन्होंने योजना बनाई, उतने ही सुराग छोड़ती गईं और अंततः पुलिस ने उन्हें ढूंढ निकाला।

शादी से बचने की वजह से रचा गया प्लान :

अर्चना के परिवार वाले उनकी शादी एक पटवारी से तय कर रहे थे। लेकिन अर्चना का मानना था कि यह रिश्ता उनके करियर और पढ़ाई के बीच बाधा बनेगा।

इसी असहमति ने उन्हें गायब होने की योजना बनाने पर मजबूर किया।इंदौर में पढ़ाई के दौरान उनकी दोस्ती सारांश से हुई।

अर्चना ने जब अपनी परेशानी बताई तो सारांश ने मदद का भरोसा दिया। इसके बाद सारांश, अर्चना और तेजेंद्र नामक युवक ने 6 अगस्त को हरदा में बैठकर पूरा ‘मिसिंग प्लान’ तैयार किया।

कैसे हुआ गायब होने का खेल?

योजना के मुताबिक, अर्चना नर्मदा एक्सप्रेस से कटनी जाने का बहाना करती हैं।

इटारसी तक उनके साथ तेजेंद्र मौजूद था। बाद में उसने अर्चना का मोबाइल और कपड़े जंगल में फेंक दिए ताकि लगे कि वह हादसे का शिकार हो गई हैं।

इटारसी स्टेशन से अर्चना सीधे सारांश की कार में बैठ गईं। दोनों ने ऐसी राहें चुनीं जहां सीसीटीवी और टोल टैक्स से बचा जा सके।

वे शुजालपुर, बुरहानपुर, हैदराबाद और जोधपुर होते हुए दिल्ली पहुंचे। वहां से अर्चना अपने विदेशी दोस्त वायासी देवकोटा की मदद से नेपाल पहुंचीं।—

पुलिस की कड़ी जांच और खुलासा :

12 दिनों तक 70 सदस्यीय पुलिस टीम ने 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड खंगाले।

यहीं से अर्चना और सारांश की बातचीत पर पुलिस का शक गहराया। लोकेशन ट्रैकिंग के बाद पुलिस ने सारांश को पकड़ लिया।

पूछताछ में उसने पूरी सच्चाई बता दी। इसके बाद नेपाल में छिपी अर्चना को भी ट्रेस कर लिया गया और दिल्ली के रास्ते भोपाल लाया गया।—

मास्टरमाइंड निकलीं अर्चना :

रेल एसपी राहुल कुमार लोढ़ा के मुताबिक इस पूरे ऑपरेशन की मास्टरमाइंड अर्चना तिवारी ही थीं।

उन्होंने मोबाइल इस्तेमाल कम कर दिया था और शुजालपुर में किराए का कमरा भी ले रखा था।

लेकिन मीडिया कवरेज और पुलिस दबाव बढ़ने के बाद उन्हें छिपना मुश्किल हो गया और रहस्य खुल गया।

निष्कर्ष :

अर्चना तिवारी का 12 दिन का रहस्यमय सफर बताता है कि कैसे एक युवा ने शादी से बचने के लिए पूरी पटकथा लिखी। लेकिन आधुनिक जांच तकनीकों और छोड़े गए सुरागों ने उनके राज़ का पर्दाफाश कर दिया।

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