महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। लोकसभा चुनावों के बाद अब बारी है विधानसभा चुनावों की तैयारी l
लेकिन उससे पहले ही महाविकास अघाड़ी (MVA) के भीतर खींचतान के संकेत दिखने लगे हैं।
हाल ही में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की बढ़ती नजदीकियों ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है, वहीं कांग्रेस के सख्त तेवरों ने इस गठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे लंबे समय से राजनीतिक रूप से अलग राह पर थे, लेकिन हाल ही में दोनों नेताओं की मुलाकात और सार्वजनिक मंचों पर एक-दूसरे के प्रति नरम रुख ने राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान खींचा है।
कई लोगों का मानना है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) और शिवसेना (UBT) के बीच कोई नया समीकरण बन सकता है, जो महाविकास अघाड़ी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
वहीं, कांग्रेस नेता बार-बार यह साफ कर चुके हैं कि वे गठबंधन में बराबरी का सम्मान चाहते हैं, न कि सिर्फ सहयोगी की भूमिका।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई उद्धव ठाकरे की हालिया रणनीति और सीट शेयरिंग को लेकर उठ रहे सवालों पर असहज दिखाई दे रही है।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह सवाल खड़ा कर दिया है – क्या महाविकास अघाड़ी आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बिखर जाएगी? या फिर यह सिर्फ राजनीतिक दबाव बनाने की रणनीति है?